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जुलाई 31, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Shirdi Wale Sai Baba Bhajan Lyrics शिरड़ी वाले सांई बाबा भजन

Baar Baar Yu Kayo Brahmani Bhajan बार बार यूं कयो ब्राह्मणी भजन

Ajmal Ghar Avtari Mei Karu Aarti अजमल घर अवतारी, मैं करूँ आरती

अजमल घर अवतारी, मैं करूँ आरती...   स्थाई: अजमल घर अवतारी, मैं करूँ आरती थांरी । घर आवो कृष्ण मुरारी, मैं करूँ आरती थांरी । निकळंक नेजाधारी, मैं करूँ आरती थांरी ।।   अजमल रे घर आया, थे बांझिया वेण फेराया। मुख पर मूंछ संवारी, मैं करूँ आरती थांरी ॥   बिणजारो बाळद लायो, थांने झूठो वचन सुणायो । मिसरी ने कीनी खारी, मैं करूँ आरती थांरी ॥   भैरव राक्षस ने मार्यो, समदां में बोहिते ने तार्यो । थे लम्बी भुजा पसारी, मैं करूँ आरती थांरी ॥   पीर मक्का सूं आया, अपणा बरतन मंगवाया । भोजन होयो है त्यारी, मैं करूँ आरती थांरी ॥   सुगणारे अरोधे आया, थे मुआ बाळ जिवाया। जुग में जोतां है भारी, मैं करूँ आरती थांरी ॥   राम सरोवर पाळी, थांरा बाज रया रणुकारा । थांने निवण करे नर नारी, मैं करूँ आरती थांरी ॥   हरजी भाटी जस गावे, शरणों में शीश नमावे। बाबा कलम राखजो म्हारी, मैं करूँ आरती थांरी ।।                   ✽✽✽✽✽ ❤ यह भजन भी देखे ...

Ubhi Mei Sarwar Teer Bhajan Lyrics उभी मैं सरवर तीर भजन

उभी मैं सरवर तीर..... (धुनः ब्रहणी)   दोहा: प्रीतम प्रीत लगाय के, तुम दूर देश मत जाय । बसो हमारी नगरी में, पिया हम मांगे तुम खाय ॥ आधी रैन निकसी गई, जगत गया सब सोय । जांको चिन्ता पीव की, नींद कहाँ से होय ॥   स्थाई: ब्रेहणी बैठी पीहर में, पियो बसे परदेश । खान पान सब त्यागिया रे, त्यागिया वस्त्र वेश पियाजी, उभी मैं सरवर तीर । नैणां सूं ढलक्यो नीर पियाजी, उभी मैं सरवर तीर  ॥   धूणी धूखे ज्यूं काळजो रे, जळ जळ गयो रे शरीर । मछली ज्यू तड़फत फिरूं रे, कद होसी समदर सीर पियाजी, उभी मैं सरवर तीर ॥ सूता नी आवे नींदड़ी रे, जागूं तो नहीं रे सुहाय । विरह काले नाग ज्यूरे, काढ काळजो खाय सजन म्हारा, उभी मैं सरवर तीर ॥   बेदरदी पिया दया नहीं आई रे, विरह गयो रे लगाय। कयो चरणों रे माँय राखसूं जी, अधबिच दीवी छिटकाय पिया उभी मैं सरवर तीर ।।   रूप स्वरूप आपरो है, ज्यां ने झुर रही ब्रेहणी अनेक। ‘सिमरत दासी' आपरी रे, अरे दया हमारी देख सजन म्हारा, उभी मैं सरवर तीर ॥          ...

Odh Bharam Ro Bhakhaliyo Bhajan Lyrics ओढ भरम रो भाखलियो भजन

ओढ़ भरम रो भाखलियो  स्थाई:- नर गाफल कैसे सूतो रे, ओढ भरम रो भाखलियो।  मालिक रा गुण गावत-गावत, ऐड़ो काँहि आयो थाकलियो।। सत री संगत में कबहुँ न बैठे, मूरख मन में नी तेठे, ज्यूं ज्यूं पाप घणेरा चेंठे, थूं कयो मानतो नाँय रे, थूं जहर हळाहळ चाख लियो।। मतलब काज दशों दिश भटके, उठ परभाते जावे झटके, पुण री वेला पैसो अटके, सांझ पड्यां सो जाय रे, थूं फाड़ मुंडे रो बाकलियो।। कूड़ कपट में राजी बाजी, हँस हँस बात बणावे ताजी, जनम दियो थारी जरणी लाजी, मानखो जनम थें खोय दियो रे, घोड़ो नरक में हाँक लियो।। राम बिना थारो कोई नी साथी, सींग पूंछ कोंधे में टांकी, एक बात थारे रहगी बाकी, नाथ नी थारे नीक में न नहीं तो, खूंटे नखा दूं खाखलियो।। कहे दानाराम सुणो मेरे प्यारे,मालिक हिसाब लेवे न्यारे न्यारे, होठ कंठ चिप जासी थारे।  सायब रे थूं सन्मुख वेला, कठे बतावेला नाकलियो।।                            ✽✽✽✽✽       यह भजन भी देखे  Nindiya Kare Re Jyane निन्दियाँ करे रे ज्यां ने Paav Me Ghungharu Bandh...

Avsar Ayo Re Tiran Ro Moko Bhajan Lyrics अवसर आयो रे तिरण रो मौको भजन

अवसर आयो रे तिरण रो मौको .....   दोहा : संत मिलन को चालिये , तज माया अभिमान। ज्यूं - ज्यूं पग आगे धरे , कोटि यज्ञ समान ।।   स्थाई : अवसर आयो रे तिरण रो मौको आयो रे । भाई - भाई ले सतगुरु की शरण , तिरण को मौको आयो रे ॥   शुभ कर्मों से नरतन पायो , अब तक सोच समझ नहीं लायो । बणकर आयो बींद नींद में , कैसे सोयो रे ॥   जो तुम अपनी मुक्ति चावो ,   दश दोषों को दूर हटावो । पाणी पेली पाळ बांध ले , गाफिल क्यूं सोयो रे ॥   चोरी जारी और जिव हत्या , निन्दा बतियाँ गाळी बखियां । हरष शोक अभिमान झूठ , दश दोष बतायो रे ॥   राजा रावण और शिशुपाला , जरासन्ध बाणासुर मारा । बड़ा - बड़ा भूप हुआ धरण पर , पतो नी पायो रे ॥   ये दिन सारा बीत जावेला , फिर चौरासी में मिलणा वेला । झूठ कपट रो छोड़ मारग ओ , सीधो बतायो रे ॥   रामानन्द गुरु साँची केवे , जाग जीव गुरु हेला देवे ।...