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अक्टूबर 3, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Ganesh Ji Aarti Lyrics श्री गणेशजी की आरती

श्री गणेशजी की आरती....  स्थाई:- जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।  माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।। एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी।  माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी। पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।  लडुअन का भोग लगे, संत करे सेवा।।  अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।  बांझन को पुत्र दे तो, निर्धन को माया।  सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।  माता  जाकी पार्वती, पिता महादेवा।। दीनन की लाज राखो, शंभु सुत वारी।  कामना को पूरा करो, जग बलिहारी।। जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।  माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।                               यह भजन भी देखे  Samay Ko Bharoso Koni समय को भरोसो कोणी Bido Uthayo Hanuman Hathilo बीड़ो उठायो हनुमान हठीलो Meli Chadar Odh Ke kese मैली चादर ओढ के कैसे Mhara Manwa Re Nadol Nagari म्हारा मनवा रे नाड़ोल नगरी Rang Lago Ji Mhane Kodh रंग लागो जी म्हाने कोड CLOSE AD...

Khelo Mota Chauk Me Mataji Bhajan Lyrics खेलो मोटा चौक में माताजी

खेलो मोटा चौक में......   स्थाई:-   खेलो मोटा चौक में माताजी ओ, काळा गोरा साथ सुन्धा वाली ए।। आया नव-नव नोरता चामुण्डा ऐ, अरे घूमर रमवा आव सुन्धा वाळी ए।।  नव दुर्गा संग आवजो माताजी ओ, अरे चौसठ जोगण साथ सुन्धा वाली ए।।  कर सोलह सिणगार थे माताजी ओ, थे रमजो माँझल रात सुन्धा वाली ए।।  खांडो खप्पर हाथ में चामुण्डा ओ, थारे सखि सहेल्या रो साथ सुन्धा वाली ए।।  चुड़लो हाथी दाँत रो चामुण्डा ओ, थारे गले में नवसर हार सुन्धा वाली ए।।  पगां में पायल बाजणी माताजी ओ, थारे बिछियाँ री झणकार सुन्धा वाली ए।।                       ✽✽✽✽✽      यह भजन भी देखे  Bata Mete Yaar Sudama Re Bhajan Lyrics बता मेरे यार सुदामा रे Guru Gyaani Aya Panwana गुरु ज्ञानी आया पांवणा Ramdevji Ro Byaav Mandyo रामदेव जी रो ब्याव मंड्यो Awo Mhara Natwar Nagariya आओ म्हारा नटवर नागरिया Tharodo Sahybo Ba...

Guru Ne Mangai Chela Vahi Bhajan Lyrics गुरु ने मंगाई, चेला वही

गुरु ने मंगाई, चेला वही.....  दोहा:- गुरु सेवा जन बंदगी, अर सत्संग वैराग।  ये चारो जब ही मिले, पूरण हो ये भाग।। स्थाई:-  गुरु ने मंगाई, चेला वही चीज लाना रे। । पहली भिक्षा अन की लाना, गाँव नगर के पास न जाना।  नारी पुरुष को नहीं सताना, मेरी झोली भर के लाना। । गुरु ने मंगाई, चेला वही चीज लाना रे। । दूजी भिक्षा जल की लाना, कुए तालाब के पास न जाना।  खारा मीठा चख कर लाना, मेरी तुम्बी भर के लाना।। गुरु ने मंगाई, चेला वही चीज लाना रे। । तीजी भिक्षा लकड़ी लाना, वेळ वृक्ष को नहीं काटना।  गीली सूखी देख के लाना, मेरे भारी बाँध के लाना।। गुरु ने मंगाई, चेला वही चीज लाना रे। । चौथी भिक्षा माँस की लाना, जीव जन्तु को नहीं मारना।  जिन्दा मुर्दा देख के लाना, मेरा खप्पर भर के लाना।। गुरु ने मंगाई, चेला वही चीज लाना रे। । कहे मछेन्दर सुन जती गोरख, यह पद है निरवाणा।  इसका अर्थ करे वो ही नर, जग में चतुर सुजाना।। गुरु ने मंगाई, चेला वही चीज लाना रे। ।                  ...