मना थारी उमर जावे रे..... दोहा:- माया काया पांवणी, और कन्या घर होय। राख्योड़ी रेवे नहीं, ए उठ चले पथ खोल।। स्थाई:- मना थारी उमर जावे रे, मना थारी उमर जावे रे। आछा दिन थारा बीत गया, चोखा दिन थारा बीत गया, दिन अबका आवे रे, मना थारी उमर जावे रे। । मात-पिता सुण कामणी, माया भरमावे रे। करी कमाई थारी खोस लेवेला, पीछे पछतावे रे। । मोह माया री नींद में, काँहि सुख भर सोवे रे। रतन पदारथ मानखो, विरथा काँहि खोवे रे। । माया विष री वेलड़ी, तांता पसरावे रे। बाजीगर रा बांदरा ज्यूं, नाच नचावे।। ओ संसार मृग जल भरियो, हाथ नी आवे रे। भटकत फिरे उजाड़ में, थारो जीव तरसावे रे। । सन्त बड़ा परमारथी, सुण ज्ञान बतावे रे। सीधे रस्ते चालणो, सिमरथ समझावे रे। । ✽✽✽✽✽ यह भजन भी देखे Udata Pankheru Vivah Mandiyo उड़ता पंखेरू विवाह मांडियो Sambhalo Ni Sayal Ramdevji साम्भलो...