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अप्रैल 3, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Mana Thari Umar Jawe Re Bhajan मना थारी उमर जावे रे

मना थारी उमर जावे रे.....  दोहा:- माया काया पांवणी, और कन्या घर होय।  राख्योड़ी रेवे नहीं, ए उठ चले पथ खोल।। स्थाई:-  मना थारी उमर जावे रे,    मना थारी उमर जावे रे।  आछा दिन थारा बीत गया, चोखा  दिन थारा बीत गया, दिन अबका आवे रे,  मना थारी उमर जावे रे। । मात-पिता सुण कामणी, माया भरमावे रे।  करी कमाई थारी खोस लेवेला, पीछे पछतावे रे। । मोह माया री नींद में, काँहि सुख भर सोवे रे।  रतन पदारथ मानखो, विरथा  काँहि खोवे रे। । माया विष री वेलड़ी, तांता पसरावे रे।  बाजीगर रा बांदरा ज्यूं, नाच नचावे।। ओ संसार मृग जल भरियो, हाथ नी आवे रे।  भटकत फिरे उजाड़ में, थारो जीव तरसावे रे। । सन्त बड़ा परमारथी, सुण ज्ञान बतावे रे।  सीधे रस्ते चालणो, सिमरथ समझावे रे। ।                         ✽✽✽✽✽    यह भजन भी देखे  Udata Pankheru Vivah Mandiyo उड़ता पंखेरू विवाह मांडियो Sambhalo Ni Sayal Ramdevji साम्भलो...

Vayak Aya Gurudev Bhajan वायक आया गुरुदेव रा

वायक आया गुरुदेव रा.....  दोहा:- जमले माँहि जावणो, जागे रावलमाळ।  रुपां गुरु से अरज करे, गुरु म्हारे सामी भाल।। स्थाई:-  वायक आया गुरुदेव रा ए रूपों बाई जमले पधारो रे, हाँ।। केम करे ने गुरु आवो रे ओ नुगरों रावळमाळ जागे रे।  निदरा मंगावो सारा शहर री रे ढोलिये सांपड़ला पोढ़ावो रे ।। इतरो करे ने रूपां हालिया रे आया रिखियो रे दरबारों रे।  सब रे संता ने रामा राम जी रे म्हारा गुरूजी ने घणी खम्मा रे ।। हाथ जोड़े ने रूपां बोलिया रे, म्हारी मोजड़ियां हेरोणी रे।  बतियों बुझोणी सारा शहर री रे, नुगरो रावलमाळ जाग्यो रे ।। सांकड़ी सेरी में सामी आवियो रे रोणी कवेला सिन ग्या था रे।  हाथ जोड़े ने रूपां बोलिया रे आपरे, फूल वीणवा ग्या था रे। । रावलमाळ दे जी बोलिया रे रोणी फूल कठा सूं लाया रे।  पेली वाडी रे डर रे डूंगरे रे, दूजी वैकुण्ठों रे माँहि रे।  तीजी वाड़ी रे सारा शहर में रे चौथी सरगां रे माँहि रे।  रावलमाळ दे जी बोलिया रे रोणी  थारो पंथडलो बतावों रे। । पहलो मारो रे मोभी दीकरो रे पछे हंसा ...

Mhe To Re Manawa Mahari Ashapura म्हें तो रे मनावां म्हारी आशापुरा

म्हें तो रे मनावां म्हारी आशापुरा   स्थाई:- पेलो रे अवतार माँ जी मोड़ीगढ़ रे माँय, जूनागढ़ केविजे माता जोगणी ओ जे। । बीजो रे अवतार माँ जी चोटीला रे माँय, गाजण माँ केविजे माता जोगणी ओ जे। । तीजो रे अवतार माँ जी चोथर माता आप।  चौथा रे आशापुरी जी जोगणी ओ जे। । म्हें तो मनावा म्हारी आशापुरी हे माँ।  सिंवरे जीणो रे बेली आवजो रे जे। । थांने तो मनावे माता नव कोटि मारवाड़।  थांने तो मनावे मीठो माळवो ओ जे । । थांने तो मनावे माता सोनगरा जालोर।  थांने तो मनावे सिरोही रा देवड़ा ओ जे। । थांने तो मनावे माता नाडोल रा लोग।  थोंने रे मनावे बोमण वोणिया ओ जे । ।   लाखण जी आया रे ऐ तो चोथर माँ रे द्धार।  सोना रे हिण्डोले माँ जी हींचता ओ जे। । लळे रे  लळे ने लाखण करे नमस्कार।  शरणों में राखे नी माता जोगणी ओ जे । । अन रे धन रे माता भरिया रे भण्डार।  पेट नी आयो रे माता दीकरो ओ जे। ।   माँ जी ओ कवी ओ लाखण जी ने वात।  एक रे सन्देशो लाखण सांभलो ओ जे। । थे तो रे जाजो रे लाखण नाड़ोल रे माँय।  आशा तो पुरावे आशापुरी जोगणी ओ जे। । म्हे...

Hirani Ubhi Araj Kare Bhajan हिरणी उभी अरज करे

हिरणी उभी अरज करे ( धुन:- दलाली हीरा लालन की  ) स्थाई:- ओ म्हारे पियाजी रा प्राण बचाय,  हिरणी हरी ने अरज करे।  ओ म्हारे समदर में डूबी जावे जहाज,  हिरणी उभी अरज करे।। बाबरिया ने बाबर बांधी,  चौसठ बंध लगाय।  हिरण्यां कूद जंगल में ठाड़ी,  मिरगा रो फँस गयो पाँव।। हिरणी उभी अरज करे।। कहे मिरगलो सुण ए मिरगली,  तू गाफल मत होय।  तू तो कूद जंगल में रळ जा,  हरी करे सोई होय।। हिरणी उभी अरज करे।। तीन पाँव पर खड़ी मिरगली,  हरी सूं हेत लगाय।  हरी रो तो सिंहासन डोल्यो,  बावरिया ने विष खाय।। हिरणी उभी अरज करे।। टूटी डोर बंध हुआ ढीला,  मिरगा रो खुलियो पाँव।  कहे कबीर सुणो भाई साधो,  जोड़ी मिलाई भगवान्।  हिरणी उभी अरज करे।।                ⚝⚝⚝⚝⚝ यह भजन भी देखे  Gaiye Ganpati Jag Vandan गाइए गणपति जग वंदन Bina Niwan Kun Tiriya बिना नीवन कुन तीरिया kelasho Re Mae Re कैलाशो रे माँय रे Jivada Amal Kalje Lago जिवड़ा ...