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जुलाई 3, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Jagdamba Thara Naam Hajar Bhajan Lyrics जगदम्बा थारा नाम हजार माताजी भजन

जगदम्बा थारा नाम हजार (धुन:- हरि था नाम हजार  )  स्थाई:-  जगदम्बा थारा नाम हजार, कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।  नवदुर्गा रा नाम हजार,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।  कुंकुंपत्री रे माता प्रेम पत्री,  कुंकुंपत्री रे माता कागद पत्री।। जगदम्बा रा..... नवदुर्गा रा....जगजननी रा, नाम हजार,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।। कोई केवे सुंधा माता, कोई केवे करणी माता।  अरे कोई केवे जोगणियाँ मात,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री। । कोई केवे सांभर माता, कोई केवे तनोट माता।  अरे कोई केवे आशापुरी ए माँय,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री। । कोई केवे भवाल माता, कोई केवे सचियाय माता।  अरे कोई केवे काळका मात,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री। । कोई केवे आई माता, कोई केवे शीतला माता।  अरे कोई केवे चामुण्डा मात,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री। । बाबू पंवार महिमा सुणावे, मोइनुद्दीन जुगत सूं गावे।  अरे राखो म्हाने चरणां माँय,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री। ।     ...

Karigar Mat Naa Bhatke Bhajan Lyrics कारीगर मत ना भटके रे चेतावनी भजन

कारीगर मत ना भटके रे....  दोहा:- दौड़ सके तो दौड़ ले, जब लग तेरी दौड़।  दौड़ थकी धोखा मिट्या, वस्तु ठौड़ की  ठौड़।। स्थाई:-  कारीगर मत ना भटके रे, मुसाफिर तू क्यूं भटके रे।  कर मालिक ने याद काम थारो, कदे नी अटके रे। । कारीगर पथर घड़े, पथर में पायो छेद।  छेद माँहि कीड़ो जीवतो रे, नहीं जीवण री उम्मीद। के मुख माँहि दाणो लटके रे, कर मालिक ने याद काम थारो, कदे नी अटके रे। । कारीगर किरतार ने रे भाई करवा लागो याद।  दौड़ बुढ़ापो आवियो रे, कदे नहीं भजियो राम।  भरोसे बैठो डटके रे, कर मालिक ने याद काम थारो, कदे नी अटके रे। । जंगल में मंगल भया रे, चरु मिल्या जमीं दोय।  भगत केवे भगवान ने रे, बांधे क्यूं नहीं पॉट।  घरे म्हारे क्यूं नहीं पटके रे, कर मालिक ने याद काम थारो, कदे नी अटके रे। । चोरां ने चरचा सुणी भाई, लीना चरु निकाल।  कर्महीन धन कैसे पावे, धन का हो गया प्याल।  बात चोरां ने खटके रे, कर मालिक ने याद काम थारो, कदे नी अटके रे। । चोरां चरु निकाळिया, अरे लीना ढकण लगाय।  ...

Heli Mahari Ayoda Santo Bhajan Lyrics हेली म्हारी आयोड़ा संतो भजन

हेली म्हारी आयोड़ा संतो....  स्थाई:- हेली म्हारी आयोड़ा संतो रा लीजे वारणा ए।  ज्यां सूं बढे पिया रो मान, मान मारी हेली ए। । हेली म्हारी निर्मल संतो री संगत म्हें करों ओ।  ज्यां सूं बढे पिया रो मान, मान मारी हेली ए। । हेली म्हारी नुगरा मानुष री संगत ना करो ओ।  ज्यां सूं घटे पिया रो मान, मान मारी हेली ए। । हेली म्हारी  ऊंचा  तो पेड़ खजूर रा ओ।  ज्यां री जड़ा पियाळां माँय, माँय म्हारी हेली ए। । हेली म्हारी ऊंचो दिराऊँ गुरू जी रे बेसणो रे।  ज्यां रे लुळ-लुळ लागूं पांव, पांव म्हारी हेली ए। । हेली म्हारी कुए री छाया कुए रे मायने ओ।  ज्यां रो ठंडो निर्मल नीर,  नीर  म्हारी हेली ए। । बाई रे रूपां ने परचो हरी दियो रे।  ज्यां रे लागो थाळी में बाग़,  बाग़  म्हारी हेली ए। ।                        ✫✫✫✫✫ यह भजन भी देखे  Man Lago Mero Yaar Fakiri Mein मन लागो मेरो यार फकीरी में Meh To Aya Sharan Tihari म...