माँ के दर्शन की तम्मना दिल में स्थाई:- माँ के दर्शन की तम्मना, दिल में रह गई। भूल क्या, उनसे हुई, क्यूं सांस थम गई। माँ के दर्शन की तम्मना, दिल में रह गई। । अल सुबह निकले थे घर से, सैकड़ों जवां। चल रही मेहरानगढ़ में, जाने कैसी हवा। मांगने मन्नत गए, क्यूं मौत मिल गई। । फूल से मासूम चेहरे, मुस्कुराते रहे। मौत सर पे थी खड़ी, जूझते ही रहे। दिल में थी, जो बात उनके, दिल में रह गई । । कोख माताओं की उजड़ी, उजड़े कितने सुहाग। सैकड़ों परिवार पल में, हो गए है खाक। कल तलक, जो साथ थे, अब याद रह गई । । काँप उठी थी ये जमीं, दहला असमां। वक्त मानो थम गया, सहमा हर इन्सां। हर एक आँख से, आँसुओं की, धार बह गई। । बहन रो-रो कह रही, कहाँ गया मेरा वीर। कहाँ ये जाइ किसे सुनाए, कौन बंधावे धीर। नैनों में मुख, देखने की, आस रह गई । । ✽✽✽✽✽ यह भजन भी देखे Shree Raam Janaki Bethe Hai श्री र...