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जुलाई 10, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Inh Re Anganiye Sakhi Bhajan Lyrics इण रे आंगणिये ए सखि

इण रे आंगणिये ए सखि ( धुन:- आज हमारे ओ तो रामजी ) स्थाई:-  इण रे आंगणिये ए सखि, कई नर खेलण आया।  कई खेल्या ने कई नर खेलसी,  कई नर खेल सिधाया।  इण रे आंगणिये ए सखि।। तीन गुणां री झूंपड़ी, आ निशदिन झूठी रे।  नैण हमारा यूं झरे, ज्यूं गागर फूटी रे।  इण रे आंगणिये ए सखि।। आवो रे पाँच सहेलियाँ, सीव दो नी मेरा चोला ओ।  मैं हूँ ज्ञान गरीबणी, सायब मेरा भोला ओ।  इण रे आंगणिये ए सखि।। जाय उतारया पर धरा, संगी पछताया ओ।  थे तो साथिड़ाँ थारे घर जाओ, मैं तो भया पराया ओ।  इण रे आंगणिये ए सखि।। आया परवाणा अमरलोक रा, अठे रेवण नहीं देला ओ।  काजी मोहम्मद शाह यूं भणे, संतो सही कर लेणा ओ।  इण रे आंगणिये ए सखि।।                   ✽✽✽✽✽    यह भजन भी देखे  Do Do Gujariya Ke Bich दो दो गुजरिया के बिच Meri Naiya Me Sitaram मेरी नैया में सीताराम, नदियाँ धीरे Thane Vinati Karu Me Barambar थांने विनती करुँ मैं बारम्बार Fakiri Chaln...

Kirtan Ki Hai Raat Bhajan Lyrics कीर्तन की है रात बाबा भजन

कीर्तन की है रात, बाबा आज  स्थाई:-  कीर्तन की है रात, बाबा आज थांने आणो है।  थांने कोल निभाणो है। । दरबार सांवरियाँ ,ऐसो सज्यो प्यारो,  दयालू आपको, सेवा में  सांवरियाँ, सगळा खड़्या दीखे,  हुकम बस आपको, सेवा में थांरी, म्हाने आज बिछ जाणो है,  थांने कोल निभाणो है। । कीर्तन की है त्यारी, कीर्तन करा जमकर,  प्रभु क्यूं देर करो।  वादो थांरो दाता, कीर्तन में आणे को,  घणी क्यूं देर करो, भजनां सूं थांने, म्हाने आज रिझाणो है,  थांने कोल निभाणो है। । जो कुछ बण्यो म्हासूं, अर्पण करा  थांने,  प्रभु स्वीकार करो, नादान सूं गलती, होती ही आई है,  प्रभु मत ध्यान करो, नन्दू सांवरियाँ, थांरो दास पुराणो है,  थांने कोल निभाणो है। । कीर्तन की है रात,  कीर्तन की है रात, बाबा आज थांने आणो है।      थांने कोल निभाणो है। ।                 ✽✽✽✽✽  यह भजन भी देखे  Nar Narayan Ri नर नारायण री देह बणाई Dhora Me Dham Kaha...

Manwa Nahi Vichari Re Bhajan Lyrics मनवा नहीं विचारी रे भजन

मनवा नहीं विचारी रे (  धुन:- दर्शण देता जाइजो जी  ) स्थाई:- मनवा नहीं विचारी रे,  मनवा नहीं विचारी रे।  थारी म्हारी करतां ऊमर,  बीती सारी रे। । गरभवास में रक्षा कीनी,  सदा बिहारी रे।  बाहर भेजो नाथ भगती,  करस्यूं थारी रे। । बालपणे में लाड लडायो,  माता थारी रे।  तरुण भयो जब लागे घर की,  तिरिया प्यारी रे। । पाछे तू माया में लिपट्यो,  जुड़े संजारी रे।  कोड़ी-कोड़ी खातिर लेतो,  राड़ उधारी रे। । जो कोई बोले बात ज्ञान की,  लागे खारी रे।  जो कोई बोले भजन हरिरस,  देतो गाली रे । । वृद्ध भयो जब कहन लगी यूं,  घर की नारी रे।  कब मरसी ओ डैण छूटे,  गैल हमारी रे । । रुक गये कण्ठ देशों दरवाजा,  मच गई ध्यारी रे।  पूंजी थी सो भई बिरानी,  भयो भिखारी रे । । कालूराम जी सीख दई सो,  लागी खारी रे।  अब चौरासी भुगतो बन्दा,  करणी थारी रे । ।                    ✽✽✽✽✽      यह भजन भी देखे  Sadka Sad...