थे तो साँचा हो तपधारी दोहा :- संत मिलन को चाहिए , तज माया अभिमान। ज्यूं ज्यूं पग आगे धरे , त्यूं त्यूं यज्ञ समान।। स्थाई :- थे तो साँचा हो तपधारी राजेश्वर , सुण लो अरजी म्हारी। सुण लो अरजी म्हारी दयालु , राजाराम अवतारी।। सम्वत उन्नीस सौ गुणचालिस , चेत सुदी नाम आवे। कळबी कुल में राजाराम , थारो जनम कहावे।। जिला जोधपुर मारवाड़ में , शिकारपुरो है गाँव। इण कलियुग में दुनियाँ सारी , सिंवरे थारो नाम।। बालपणा में बिन लाठी रे , वन में गाय चारी। राम नाम रो सुमिरण कीनो , रया बाल ब्रह्मचारी।। दूर - दूर सु दर्शन करवा , लोग घणेरा आवे। धुप दीप सूं करे आरती , मनचाया फल पावे।। सुन्दर बणियो धाम आपरो , महिमा जग में भारी। केसाराम जी भक्ति भाव सूं , करे चाकरी थारी।। राजाराम जी थांरी महिम...