गूंथ लाई ए मालण सेंवरो.... दोहा: संत हमारा सिरधणी, मैं संतन की देह । रोम-रोम में रम रया, ज्यूं बादळ में मेह ॥ स्थाई: गूंथ लाई ए मालण सेंवरो, अपने सतगुरां ताँहि ।, गूंथ लाई ओ मालण सेंवरा ॥ आज धराऊ दीसे धूंधलो, इत बिजल्यां चमके। हरि रा हरिजन दीसे आवता, डावी आँख फरूखे ॥ आवो ए पाँच सहेलियाँ, सीवो सायब जी रा चोळा। केई सीया ने केई सीवणा, गुरुजी अंग लिपटाया ॥ सरवर पाणी मैं गई, एक अचरज देख्या । एक कमल दूजो फूलड़ो, वहाँ मेरा भंवर लुभाया ॥ पाणी ने चाली पदमणी, पग नेवर बाजे। ठुमक ठुमक पगल्या धरे, गेरो इन्दर गाजे ॥ लोय लागी ओ हरि नाम री, सायब जी से साँची। बाई यमना री ओ वीनती, सायब मों पर राजी ॥ ✽✽✽✽✽ ❤ यह भजन भी देखे ❤ Santo Vali Togadi Bhajan Lyrics Maharaj Devare Rang Lago Ramdevji Bhajan Lyrics Garba Maa Na Darshan Ne Hal Bhajan Lyrics Hath Kabiro Nahi Aawe Bhajan Lyrics Aarti Kra Gurudev Tumari Bhajan Lyrics