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जनवरी 30, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Maat-Pita Ko Lakho Pranam Bhajan Lyrics मात-पिता को लाखों प्रणाम

मात-पिता को लाखों प्रणाम.....  स्थाई:- नाम है जिनका जग आधारा, मात पिता को नमन हमारा।  जग में सुन्दर है दो नाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।। मात-पिता का प्यारा वो ही, नित उठ ध्यान धरे जो कोई।  चरणों में समझे चारों धाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।। मात-पिता की सेवा भक्ति, भव बंधन से देती मुक्ति।  नाम हो मन में आठों याम,  मात-पिता को लाखों प्रणाम।। प्रथम गुरु माँ बाप हमारे, गुरु चरणों में हमको उतारे।  सकल सिद्ध करते प्रणाम,  मात-पिता को लाखों प्रणाम।। हमको सच्ची राह बतायें, बन के गुरु हर ज्ञान सिखाएं।  अमृत रास सा देते ज्ञान,  मात-पिता को लाखों प्रणाम।। मात-पिता बिन दुनियाँ कैसी, पानी के बिन दरिया हो जैसी।  ज़रा नहीं एक पल आराम,  मात-पिता को लाखों प्रणाम।। मात-पिता बिन कौन खिवैया, जग सागर हम छोटी नैया।  तारणहारे है ये नाम,  मात-पिता को लाखों प्रणाम।। हर एक रिश्ता हर एक नाता, मात-पिता के बाद ही आता।  चरणों में है सब का मकान,  मात-पिता को लाखों प्रणाम।। मात-पित...

Ek Din Wo Bhole Bhandari Bhajan Lyrics एक दिन वो भोले भण्डारी

एक दिन वो भोले भण्डारी स्थाई :   एक दिन वो भोले भण्डारी , बन करके बृज की नारी।   गोकुल में आ गये है , गोकुल में आ गये है।। पारवती भी मना के हारी , ना माने त्रिपुरारी।   गोकुल में आ गये है , गोकुल में आ गये है।। पारवती से बोले , में भी चलूँगा तेरे साथ में।   राधा संग श्याम नाचे , मै भी नाचूंगा तेरे साथ में।   रास रचेगा बृज में भारी , हमे दिखाओ प्यारी।। ओ मेरे भोले स्वामी , कैसे ले जाऊँ अपने साथ में।   मोहन के सिवा वहाँ , कोई पुरुष न जाए रास में।   हँसी करेगी बृज की नारी , मानो बात हमारी।। ऐसा बना दो मुझे , कोई ना जाने इस राज को।   मै हूँ सहेली तेरी , ऐसा बताना बृजराज को।   बना के जूडा पहन के साडी , चाल चले मतवाली।। हँस के सती ने कहा , बलिहारी जाऊँ इस रूप पे।   एक दिन तुम्हारे लिए , आए मुरारी इस रूप में।   मोहनी रूप बनाया मुरारी , अब हे तुम्हारी बारी।। देखा मोहन ने जब , समझ गये वो सारी बात रे।   ऐसी बजाई बंशी , सुध बुध भूले भोलेनाथ रे।   सिर से खिसक गई रे साडी , मुस्काए...

Santha Manh Ro Keno Naa Kije Bhajan Lyrics सन्तां मन रो केणो ना कीजे

सन्तां मन रो केणो ना कीजे..... दोहा:- गरजे अर्जुन इन्द्र भयो, तो गरजे गोविन्द धेनु चराई।  गरजे द्रोपद्री दासी भई तो गरजे भीम रसोई पकाई।  गरज बड़ी इण लोक में तो गरज बिना कोई आवे न जाई।  कवि गंग कहे सुण शाह अकबर तो गरज से घर गुलाम रह जाई।। स्थाई:- ओ सन्तां ! मन रो केणो ना कीजे, ओ साधु भाई !  मन रो केणो ना कीजे।  दव में काठ कितो ही घालो, अग्नि नाँहि पतीजे।  ओ साधु भाई !  मन रो केणो ना कीजे।। मन ही महा अनीति कहीजे, बड़ा-बड़ा भूप ठगीजे।  जोधा जबर हार गया इण सूं , पड्या कैद में सीजे।  ओ साधु भाई !  मन रो केणो ना कीजे।। इण मन में एक निज मन कहिजे, जिण रो संग करीजे।  ऋषि मुनि इण अन्तर मन से, साहब रे घर दीजे।  ओ साधु भाई !  मन रो केणो ना कीजे।। मन को मोड़ करे कोय सुगरो, जद थारो मनवो धीजे।  इड़ा पींगला चले जुगत से, सुकमण रो घर लीजे।  ओ साधु भाई !  मन रो केणो ना कीजे।। जीव पीव री दूरी मेटो, जद थारो मनवा  धीजे।  मदन कहे इण मन री मस्ती, भले भाग देखीजे।  ओ सा...

Chale To Le Chalu Vanh Desh Bhajan Lyrics चाले तो ले चालूं वण देश में

चाले तो ले चालूं वण देश में....  स्थाई:-  चाले तो ले चालूं वण देश में म्हारी हेली,              गुणताऊ भेद बताय।। पतिव्रता पीहर बसे म्हारी हेली, हिरदे पियाजी रो ध्यान।  चार जुगां रो ढोलियो म्हारी हेली, असंख जुगां री वाण।। गगन मण्डल वाले गोखरे म्हारी हेली, पुरुष सुतो निराकार।  तीन पुरुष वां की सेवा करे म्हारी हेली, राम कबीरा गुण गाय।। मन रे पवन वटे पहुँचे नहीं म्हारी हेली, नहीं रे भरम को काम।  अलख उतारे उभा आरती म्हारी हेली, निरंजन ढोले वाव।। केवे कबीरसा धार्मिदास ने म्हारी हेली, वण पुरुष ने ध्याव।  चाले तो ले चालूं वण देश में म्हारी हेली,  गुणताऊ भेद बताय।।               ✫✫✫✫✫ यह भजन भी देखे  Tabariyo Ne Tunge Maare टाबरियो ने टूंगे मारे Mhe To Aya Thaare Aasare Baba म्हें तो आया थारे आसरे, बाबा Kaya Ne Sinhgar Koyaliya काया ने सिणगार कोयलियाँ Bido Uthayo Hanuman Hathilo बीड़ो उठायो हनुमान हठीलो Sadho Bhai Abh Chot...

Dharanagar Re Chovate Bhajan Lyrics धारानगर रे चोंवटे ओ

धारानगर रे चोंवटे ओ.....    दोहा:- सतियाँ सत मत छोड़ज़ो, सत छोड्यां पथ जाय।  सत री बांधी लक्ष्मी, फेर मिळेला आय। । स्थाई:-  धारानगर रे, चोंवटे ओ राजा, हरिचन्द मांडी हाट, हाटो वाला ओ। । कोई तो बेचे गेहूँ गेगरा रे राजा, हरिचन्द बेचे नेनो बाल, लेवण वाला ओ। । जितरे माली रो बेटो आवियों रे राजा, कर थारे बालकिया रो मोल, देवण वाला ओ।  रामजी दिरावे जको देवजो रे, देणो-देणो ब्राह्मण ने दान, देवण वाला ओ  । । कोई तो बेचे सोनो सोलमो ओ राजा, बेचे तारामती नार, लेवण वाला ओ।  जितरे वेश्य री लड़की आ गई राजा, करे नी थारे राणी वालो मोल, देवण वाला ओ।  सांवरियो दिरावे जको देवजो ओ,  देणो म्हारे ब्राह्मण वालो दान, देवण वाला ओ  । । कोई तो बेचे महल मालिया ओ राजा, हरीचन्द बिकवा ने जाय, लेवण वाला ओ।  जितरे हरीजन रो बेटो आवियो ओ, करे नी थारी देही वालो मोल, देवण वाला ओ।  रामजी दिरावे जाको देवजो ओ म्हारे, पूरो कारणो ब्राह्मण वालो दान, देवण वाला ओ  । ।    सत मत छोड़ो जग र...