हेली धन रे घड़ी रो मोटो भाग..... स्थाई:- हेली धन रे घड़ी रो मोटो भाग, मेरा सतगुरु आया जी। । हेली सतगुरु सायब कब आवेला, ऊभी जोवूँ वाट। नैण भरे म्हारे हियो उलटे, उभी उड़ाऊँ काला काग, मेरा सतगुरु आया जी। । हेली सतगुरु सायब बागे पधारया, हरिजन सामा जाय। थाल भरुँ गज मोतियां रो, जंगी रे ढोल बजाय, मेरा सतगुरु आया जी। । हेली सतगुरु सायब ओले पधारया, लियो बधावो हाथ। हरख हरख कर करूँ आरती, सखियाँ मंगल गाय, मेरा सतगुरु आया जी। । हेली सतगुरु सायब चौके पधारया, गादी पलंग बिछाय। चरण धोय चरणामृत पीदो, पिये मगन हो जाय, मेरा सतगुरु आया जी। । हेली सतगुरु सायब मुख से बोल्या, इमरत वेण सुहाय। कहे कबीर धर्मीदास ने रे, हंस मिल्यां सुख पाय, मेरा सतगुरु आया जी। । ✽✽✽✽✽ यह भजन भी देखे Thane To Manawa Mhari Ashapura थने तो मनावां म्हारी आशापुरी Sant Milhe Updesi संत मिले उपदेशी Ek Din Wo Bhole Bhand...