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मार्च 27, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Heli Dhan Re Ghadi Moto Bhag Bhajan हेली धन रे घड़ी रो मोटो भाग

हेली धन रे घड़ी रो मोटो भाग.....  स्थाई:-  हेली धन रे घड़ी रो मोटो भाग, मेरा सतगुरु आया जी। । हेली सतगुरु सायब कब आवेला, ऊभी जोवूँ वाट।  नैण भरे म्हारे हियो उलटे, उभी उड़ाऊँ काला काग, मेरा सतगुरु आया जी। । हेली सतगुरु सायब बागे पधारया, हरिजन सामा जाय।  थाल भरुँ गज मोतियां रो, जंगी रे ढोल बजाय, मेरा सतगुरु आया जी। । हेली सतगुरु सायब ओले पधारया, लियो बधावो हाथ।  हरख हरख कर करूँ आरती, सखियाँ मंगल गाय, मेरा सतगुरु आया जी। । हेली सतगुरु सायब चौके पधारया, गादी पलंग बिछाय।  चरण धोय चरणामृत पीदो, पिये मगन हो जाय, मेरा सतगुरु आया जी। । हेली सतगुरु सायब मुख से बोल्या, इमरत वेण सुहाय।  कहे कबीर धर्मीदास ने रे, हंस मिल्यां सुख पाय, मेरा सतगुरु आया जी। ।                              ✽✽✽✽✽ यह भजन भी देखे  Thane To Manawa Mhari Ashapura थने तो मनावां म्हारी आशापुरी Sant Milhe Updesi संत मिले उपदेशी Ek Din Wo Bhole Bhand...

Pahela Jeda Prem Hamesha Bhajan Lyrics पेहला जेड़ा प्रेम हमेशा

पेहला जेड़ा प्रेम हमेशा  दोहा:- प्रेम नाम अनमोल है, सदा राखिये पास।  जो जान प्रेम का दास है, सो ही राम का दास।। स्थाई:-  पेहला जेड़ा प्रेम हमेशा कोनी रेवे ओ।  नेम धरम थारा छाना कोनी रेवे ओ।  पाप कियोड़ा  थारा छाना कोनी रेवे ओ।  बरस्योड़ा री बातड़ी बटाऊ बीरो केवे ओ। । काचे तागे ताणो तणियो,  तणियो पेला टूटे ओ।  ओछे जल रा नाडिया ए, बरस्यां पेला फूटे ओ। । नीम जेड़ा कड़वा खारा, मीठा किण विध होवे ओ।  दूधां धोवो कोयला ए, उजळा कोनी वेला ओ। । संत रे घर शंखणी आ, फूहड़ रे घर नार ओ।  रूप दीनो रोहिड़ा ने, भूल गयो किरतार ओ।  माया दीनी मूरख ने ओ,   भूल गयो किरतार ओ। । बोले बाई रूपां दे, उगमसिंह री चेली ओ।  छाणियोड़ा दूध अण छाणियोड़ा पाणी ओ। ।                      ✽✽✽✽✽      यह भजन भी देखे  Gokul Halo Ne Gayo Charawo गोकुळ हालो ने गायों चरावो Lelo Ji Ramji Ro Naam ले लो जी ले लो, रामजी रो नाम Sinvaru Mai Din R...

Sanwariya Thara Naam Hajar Bhajan सांवरिया थारा नाम हजार

सांवरिया थारा नाम हजार   दोहा:- नरसी लिखे कुंकुंपत्री, क्रिशना म्हारे आव।  ब्याव नैनी रे मायरो, आवो दीनदयाल।। स्थाई:- ओ हरी थारा नाम हजार, कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री। सांवरिया थारा नाम हजार,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।। कोई केवे यशोदा रो, कोई केवे देवकी रो।  कोई केवे नंद जी रो लाल, रे मैं  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।। गिरधारी थारा नाम हजार,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।। कोई केवे बंशीवालो, कोई केवे मुरलीवाळो।  कोई केवे गायां रो ग्वाल रे मैं  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।। कानूड़ा थारा नाम हजार,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।। कोई केवे राधा पति, कोई केवे रूकमण पति।  कोई केवे गोपियाँ रो श्याम  रे मैं  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।। ओ कृष्णा थारा नाम  हजार,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।। कोई केवे मथुरा वालो, कोई केवे गोकुल वालो।  कोई केवे द्वारका रो नाथ ऱे  मैं  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।। गिरधारी थारा नाम हजार,  कैसे लिखूं  कुंकुंपत्री।। कोई केवे बनवारी, कोई केवे गिरधारी।...

Hey Parshuram Ji Karu Vinati हे परशुराम जी करूँ वीणती

हे परशुराम जी करूँ वीणती (धुन:जहाँ डाल डाल पर)   दोहा: शीश चंद्र गळे शेषनाग , और बाघम्बर धारी। कर में डमरू त्रिशूल सोहे , नन्दी की असवारी॥   स्थाई: हे परशुराम जी करूँ वीणती , सुण लीजो त्रिपुरारी। आया मैं शरण तिहारी , आया मैं शरण तिहारी॥ साँचो कळजुग में धाम तिहारो , शिव भोळा भण्डारी। आया मैं शरण तिहारी , आया मैं शरण तिहारी॥   फरसो धारण कर शिवशंकर थे , परशुराम कहलाया। है तीन लोक में माया थांरी , कण-कण आप समाया। पूजे थांने सब ऋषि मुनि , पूजे योगी संसारी॥   आडावल में भोळा शंकर , सुन्दर मिन्दर थारो। सावण महीने मेळो लागे , दर्शण आवे जग सारो। हर सोमवार ने मिन्दर में , माथो टेके नर नारी॥   थांरी किरपा सूं शिव शंकर , निर्धनियाँ धन पावे। साँचे मन सूं जो सिंवरे है , वो मनचाया फळ पावे। दातार बड़ा है परशुराम जी , जाणे दुनियाँ सारी॥   भगतां रो बेड़ो पार करो ओ , दास अशोक सुणावे। शरणां में आज प्रकाश पड्यो , भजन भाव सूं गावे। भवसागर भारी है शंकर , अब लाज राखजो म्हारी॥    ...