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नवंबर 11, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Aam Ki Dali Koyal Bole Bhajan Lyrics आम की डाली कोयल बोले

आम की डाली कोयल बोले   दोहा :-  ब्रह्मधाम आसोतरा में तो , सुन्दर बण्यो धाम।        खेतारामजी इच्छा पूरे , करे भगता रो काम।। स्थाई :-  आम की डाली कोयल बोले , बात बतावे खरी खरी। खेतेश्वर को जपले प्राणी , म्हें समझाऊँ घड़ी - घड़ी।। ब्रह्मधाम आसोतरा मे , नर नारी रो मेलो है। खेतेश्वर रो ध्यान धरो , हरदम थारे भेलो है। गाँव - गाँव और नगर - नगर में धूम मची है गली - गली।। धन दौलत सब उमर कमाणी , दोय घड़ी शुभ काम करो। ऐड़ो अवसर हाथ नी आवे , चाहे जतन तमाम करो। तन मन धन सब अर्पण कर दो , ब्रह्मधाम के आप धणी।। आप बसे वैकुण्ठ धाम प्रभो ! भगत पर आज म्हेर करो। ज्ञान ध्यान के तुम हो सागर , सूखी नदियाँ नीर भरो। प्यासी बगियाँ में रस भर दो , हो जावे वो हरी भरी।। ब्रह्म स्वरूपी महावैरागी , खेतेश्वर तपधारी है। आप के शरणे जो कोई आवे , नैया पार उतारी है।   दास हिरा पे किरपा कर दो , भक्त बणाई कड़ी - कड़ी।।       ...

Pranam Gurudevji Ne Barambaar Bhajan Lyrics प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार

प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार स्थाई:-   एक पारब्रह्म रूप चतुर्धर , लीला कीनी रे अपार।   प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार ,  प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार। बारम बार मेरा बारम्बार ,   प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार।   प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार ,  प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार।। ब्रह्मा रे रूप धर वेद प्रकट कर , रचियो सकल संसार।   प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार ,  प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार।। विष्णु रे रूप धर विश्व रो पालक , धर्म हेतु अवतार।   प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार ,  प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार।। रूद्र रूप धर दुष्ट रुलावण , पल में करते संहार।   प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार ,  प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार।। अचलूराम जीव मुक्ति रे कारण , गुरुमूर्ति लीजो रे धार।   प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार ,  प्रणाम गुरुदेवजी ने बारम्बार।।                                         ...

Santo Re Mukh Par Barse Noor Bhajan Lyrics संतो रे मुख पर बरसे नूर

संतो रे मुख पर बरसे नूर   दोहा:-   संत मिल्यां इतना टले , काल जाल जम चोट।   शीश नमायां गिर पड़े , लख पापन की पोट।। स्थाई:-   संतो रे मुख पर बरसे नूर , राज मोरी सईयाँ ए।   राज मोरी सईयाँ ए , सतगुरु मिले तो बातां म्हें करां जी।   ज्ञानी गुरु मिले   तो बातां म्हें करां जी।। नदियों रे आगे नाला क्या करे जी।   सावण रे पेली सुख जाय ,  राज मोरी सईयाँ ए।। शूरां रे आगे कायर क्या करे जी।   भिड़ता ही पहला भग जाय ,  राज मोरी सईयाँ ए।।   पूरा गुरु रा लीजो वारणा जी।   अधुरा सूं अलगा रहीजो दूर ,  राज मोरी सईयाँ ए।। दास अक्खो जी विनती कर रया जी।   सन्तां रो अमरापुर में वास ,  राज मोरी सईयाँ ए।।                 ❂❂❂❂❂ Sanwara Thaari Maya Ro सांवरा थारी माया रो Ramdevji Ro Byaav Mandyo रामदेवजी रो ब्याव मंड्यो Apani Jannat Ko Khuda Ke Liye अपनी जन्नत को खुदा के लिए kelasho Re Mae Re कैलाशो रे माँय रे Satguru Kripa Kini सतगु...

Santo Guru Miliya Brahamgyani Bhajan Lyrics संतो ! गुरु मिलिया ब्रह्मज्ञानी

संतो ! गुरु मिलिया ब्रह्मज्ञानी   स्थाई:-   गणपत सुरसत शारद सिंवरूँ , दीजो अनुभव वाणी।               परसत परसत पीर परसिया , परसी पीरो री निशाणी ,             संतो ! गुरु मिलिया ब्रह्मज्ञानी।। ज्ञान सुणावे कियो हरी नेड़ो , बात आगम री जानी रे , संतो ! गुरु मिलिया ब्रह्मज्ञानी।। दिल में दरसिया प्रेम में परसिया , सतगुरां री सेलाणी।   अगम निगम रा भेद बताया , आद जुगत ओळखाणी रे , संतो ! गुरु मिलिया ब्रह्मज्ञानी।। अल्लाह खुदा अलख निरंजन , निराकार निर्वाणी।   हरदम हेर घेर घर लावो , मिली आ तो संत री निशाणी रे , संतो ! गुरु मिलिया ब्रह्मज्ञानी।। गुरु अवधूता पूरा मिलिया , गुरु मिलिया गम जाणी रे।   कहे हेमनाथ सुनो भाई संतो , सुरता सहज समाणी रे , संतो ! गुरु मिलिया ब्रह्मज्ञानी।।                               ❂❂❂❂❂ Fakiri Jivat Dhukhe Massan फकीरी जीवत धूके मसाण Shani Dev Katha ...

Santo Pura Guru Ti Fal Paawe Bhajan Lyrics संतो ! पूरा गुरु ती फल पावे

संतो ! पूरा गुरु ती फल पावे   स्थाई:-   तेरा तुझमें तू ही उसमें , क्यूंपाखण्ड बनावे।                 पेहरे भेख भरम रा भाखर , यूं मुक्ति नी पावे ,               संतो! पूरा गुरु ती फल पावे।। गुरु बिन आप धणी नहीं मिलसी , गाफल गोता खावे।   संतो! पूरा गुरु ती फल पावे।। सामरथ गुरु सौंसा सब मेटे , निज मन होय जावे।   लट भमरे री गत होय जावे , भेला ही उड़ जावे , संतो! पूरा गुरु ती फल पावे।। आप ही समझें औरो ने समझावे , भूला ने अरथ बतावे।   जल में डूबा जल में पकड़े , दूराई कीदा जावे , संतो! पूरा गुरु ती फल पावे।। स्वारथ कारण चेला मूड़े , घर घर ढोंग मचावे।   वे आशा सूं जावे नारगी , नुगरा नारेल चढ़ावे , संतो! पूरा गुरु ती फल पावे।। बालीनाथ जी सतगुरु मिल्या , दया धरम रे झेलावे।   अजमल सुत रामदेवजी बोले , मन तो ब्रह्म मिलावे , संतो! पूरा गुरु ती फल पावे।।                        ...