घर में रागी, घर में वैरागी स्थाई:- घर में रागी, घर में वैरागी, घर घर गावण वाला हैं। कलजुग री आ छाया पड़ी है, कुण नगरों ने वरजण वाला है ओ जी। । गुरुमुखी ज्ञानी जगत माँय थोड़ा, मनमुखी मूढ़ घणेरा है। ज्ञान की गति यति नहीं जाणे, लम्बे बालो वालों है ओ जी। । बाल राखने मोडाई चाले, पंच केश नहीं ध्याता है। पाँच तत्व री सार नहीं जाणे, नित नेम नावण वाला है ओ जी। । नहावे धोवे तिलक लगावे, मंदिर जावण वाला है। निज मंदिर री खबर नहीं जाणे, गळे जनोई री माला है ओ जी । । भेग पहर भगवान ने रिझावे, धरे जोगियों रा बाना है। नेति धोती री सार नहीं जाणे, बण बैठा पुरुष दिवाना है ओ जी । । भूरनाथ अड़बंका जोगी, सिद्ध का जलवास वाला है। गुरु कानजी सिमरथ मिलिया , फेरु सिद्धों री माला ओ जी । । ⚝⚝⚝⚝⚝ ❤ यह भजन भी देखे ❤ Bhakt Khada He Dwaar Aap Re Bhajan Lyrics Man Mera Satguru Ka...