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Ajmal Ghar Avtari Mei Karu Aarti अजमल घर अवतारी, मैं करूँ आरती

अजमल घर अवतारी, मैं करूँ आरती... 

स्थाई: अजमल घर अवतारी,

मैं करूँ आरती थांरी ।

घर आवो कृष्ण मुरारी,

मैं करूँ आरती थांरी ।

निकळंक नेजाधारी,

मैं करूँ आरती थांरी ।।

 

अजमल रे घर आया,

थे बांझिया वेण फेराया।

मुख पर मूंछ संवारी,

मैं करूँ आरती थांरी ॥

 

बिणजारो बाळद लायो,

थांने झूठो वचन सुणायो ।

मिसरी ने कीनी खारी,

मैं करूँ आरती थांरी ॥

 

भैरव राक्षस ने मार्यो,

समदां में बोहिते ने तार्यो ।

थे लम्बी भुजा पसारी,

मैं करूँ आरती थांरी ॥

 

पीर मक्का सूं आया,

अपणा बरतन मंगवाया ।

भोजन होयो है त्यारी,

मैं करूँ आरती थांरी ॥

 

सुगणारे अरोधे आया,

थे मुआ बाळ जिवाया।

जुग में जोतां है भारी,

मैं करूँ आरती थांरी ॥

 

राम सरोवर पाळी,

थांरा बाज रया रणुकारा ।

थांने निवण करे नर नारी,

मैं करूँ आरती थांरी ॥

 

हरजी भाटी जस गावे,

शरणों में शीश नमावे।

बाबा कलम राखजो म्हारी,

मैं करूँ आरती थांरी ।।

                 ✽✽✽✽✽

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