पियो रामरस प्यासा संतो.... स्थाई: पियो रामरस प्यासा संतो, पियो रामरस प्यासा रे । गगन मण्डल में अमी रस बरसे, उन्मुन के घर वासा रे ॥ शीश उतार धरे गुरु आगे, करे नी पदरी आशा रे । ऐसा मूंगा अमी बिकत है, षड् ऋतु बारह मासा रे ॥ मोल करे तो थके दूर से, तोलत टूटे त्रासारे । जीवे, कबहुं न होत विनाशा रे ॥ इण रस काज नृप भया जोगी, छोड्या भोग विलासा रे । सिंहासन धरिया रेवे, भस्मी लगावे उदियासारे ॥ गोपीचन्द भरतरी पीना, और कबीर रविदासा रे । गुरु दादूसा रे चरण कँवल में, पी गया सुन्दरदासा रे ॥ ✽✽✽✽✽ ❤ यह भजन भी देखे ❤ Agadbamb Mahadev Lehari Bhajan Lyrics Vari Jau Re Balihari Jau Re Bhajan Lyrics Kabhi Pyase Ko Pani Pilaya Nahi Bhajan Lyrics Meh Thane Sinvaru Gajanand Deva Bhajan Lyrics Paav Me Ghungharu Bandh Ke Naache Bhajan Lyrics