अपनी जन्नत को खुदा के लिए..... स्थाई:- अपनी जन्नत को खुदा के लिए दोजख न बना। अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा, दिल न दुखा। मेरे मालिक मेरे आका, मेरे मोला ने कहा। अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा, दिल न दुखा।। बाप के प्यार से अच्छी कोई दौलत क्या है। माँ का आँचल जो सलामत है तो जन्नत क्या है। ये है राजी तो नबी राजी है, राजी है खुदा। अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा, दिल न दुखा।। इनकी ममता ने बहरहाल संभाला तुझको। किस कदर प्यार से माँ बाप ने पाला तुझको। रहमत-ए-मौला से कुछ काम नहीं साया इनका। अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा, दिल न दुखा।। जब भी देखा तुझे प्यार से देखा माँ ने। खून-ए-दिल दूध की सूरत में पिलाया माँ ने। तूने इस प्यार के बदले में उसे कुछ न दिया। अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा, दिल न दुखा।। हर मुसीबत से बचाया, ये करम है के नहीं। बोलना तुझको सिखाया, ये करम है के नहीं। कैसे पाला तुझे माँ बाप ने, क्या तुझको पता। अप...