जगमग जगमग जोत जली है राम आरती लिरिक्स
जगमग जगमग जोत जली है,
राम आरती होन लगी है |
जगमग जगमग जोत जली है,
राम आरती होन लगी है ॥
भक्ति का दीपक प्रेम की बाती,
आरती संत करें दिन राती,
आनंद की सरिता उभरी है,
राम आरती होन लगी है
जगमग जगमग जोत जली है ||
कनक सिंघासन सिया समेता,
बैठहिं राम होइ चित चेता,
वाम भाग में जनक लली है,
राम आरती होन लगी है
जगमग जगमग ज्योत जली है ॥
आरती हनुमत के मन भावै,
राम कथा नित शंकर गावै,
संतों की ये भीड़ लगी है,
राम आरती होन लगी है
जगमग जगमग ज्योत जली है ॥
जगमग जगमग जोत जली है,
राम आरती होन लगी है |
जगमग जगमग जोत जली है,
राम आरती होन लगी है ॥
राम राम सीता राम राम राम ॥
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