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Papaiya Piv Piv Bole Mhara Veer Bhajan Lyrics पपइया पिव-पिव बोल म्हारा वीर भजन

पपइया, पिव-पिव बोल म्हारा वीर....

स्थाई:  थूं जाणे म्हारे पिवजी री बातां, 
के कोयल के कीर,
पपइया, पिव- पिव बोल म्हारा वीर ॥

पिवजी बसत है पर भूमि में, 
चित्त मन धरे नहीं धीर ।
विरह लगाय पाय गया प्यालो, 
गया कलेजो चीर,
पपइया, पिव-पिव बोल म्हारा वीर ॥

गळ गयो माँस रह गई हड्डियाँ, 
दुखी बड़ो शरीर ।
दिन नहीं चैन रैन नहीं निदरा, 
लागा शब्दों रा तीर,
पपइया, पिव-पिव बोल म्हारा वीर ॥

सुआ रे लाय दे संदेशो, 
ब्रेहणी री विगत शरीर ।
कोकिला एक काम कर मेरो, 
हो जाए समदां में सीर,
पपइया, पिव- पिव बोल म्हारा वीर ॥

मिळ गया पीव जीव सुख पाया, 
सुखी भयो शरीर ।
कहे कमाली हाल विरह रा, 
मिळिया संत कबीर,
पपइया, पिव-पिव बोल म्हारा वीर ॥
                ✽✽✽✽✽

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