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Hari Bhajan Re Kaaj Banayo Mohan bhajan lyrics हरि भजन रे काज बणायो भजन लिरिक्स

हरि भजन रे काज बणायो, मोहन...

स्थाई: पाँच तत्त्व और तीन गुणां से, 
रचियो मन्दिरियो ।
रचियो मन्दिर बैठो अंदर, 
श्याम सुन्दरियो ।
हरि भजवा रे काज बणायो, 
मोहन मन्दिरियो ।
राम भजन रे काज बणायो, 
ओ तन देवळियो ॥

नव दरवाजा खुला पड़ा है, 
दशमों बंद रयो ।
दशवां में बल्ब लगाकर देखो, 
आणंद कंद रयो ॥

बिना जोत प्रकाश बिना, 
सूरज चंद रयो ।
प्रकट देव दरशे नहीं रे, 
यूं जग अंध रयो ॥

राम नाम से वे मुक्त प्राणी, 
मोह में फंद रयो ।
भवानीनाथ सतगुरुजी शरणे, 
चरणे चित्त धर्यो ॥ 
         ✽✽✽✽✽

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