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Aaram Ke Kya Kya Sathi Bhajan Lyrics आराम के क्या क्या साथी थे भजन लिरिक्स

आराम के क्या-क्या साथी थे....

स्थाई: आराम के क्या-क्या साथी थे, 
जब वक्ता पड़ा तब कोई नहीं।
सब लोग है अपने मतलब के, 
दुनियाँ में किसी का कोई नहीं ॥

जब पैसा हमारे पास में था, 
तब दोस्त हमारे लाखों थे।
जब वक्त पड़ा वो मुश्किल का, 
तब पूछने वाला कोई नहीं ॥

माँ बाप तिरिया और पुत्रवधू, 
मतलब के हैं सब ही नाते ।
जब हँसने वाले लाखों थे, 
अब रोने वाला कोई नहीं ॥

कल बाग जो था फूलों से भरा, 
इठलाती हुई चलती थी हवा ।
उस सम्बल गुल का जिकरा क्या,
है खाक दरेबा कुछ भी नहीं ॥

ए बिन्दु क्यों नाहक रोता है, 
तू होगा फना इस बाग में कल ।
रोना तेरा बेकार है सब, 
मिट्टी में भरोसा कोई नहीं ॥
          ✽✽✽✽✽

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