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Ped Pakad Ne Chad Mhara Beera Bhajan Lyrics पेड़ पकड़ ने चढ़ म्हारा बीरा भजन

पेड़ पकड़ ने चढ़ म्हारा बीरा

दोहा: हंसा बगुला एक से, 
मान सरोवर माँहि ।
बगुला ढिंढोरे माछली, 
हंसा मोती खाई ॥

स्थाई: पेड़ पकड़ ने चढ म्हारा बीरा रे, 
झमको ने तू मत झेल ।
सत्य वचन री डोर पकड़ ले, 
अधर सिंहासन मेले,
ओ साधु भाई ! चलियो आवे नी गेले गेले ॥
एथने मारग में कोई नहीं झेले, 
ओ साधु भाई !
चलियो आवे नी गेले गेले ॥

कोयल वाणी बोल म्हारा बीरा रे, 
कागा री वाणी हेटी मेल ।
कोयल जाय बागों रे माँय बोले, 
ओ कागो तो घर-घर डोले,
ओ साधु भाई, चलियो आवे नी गेले गेले ॥

हंसों री चाली चाल म्हारा बीरा रे, 
बुगलों री चाली हेटी मेल ।
हंसो तो जाय चुगे रे निज मोती, 
ओ बुगलो तो मछली ने झेले,
ओ साधु भाई, चलियो आवे नी गेले गेले ॥

सिमरथ म्हाने पूरा रे मिलिया, 
प्रेम पियालो दियो पी ले।
मंगळो तो सतगुरुसा रे शरणे, 
ओ तो अमरापुर में खेले,
ओ साधु भाई, चलियो आवे नी गेले-गेले ॥
                    ✽✽✽✽✽

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