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Man Mera Ochi Sangat Bhajan Lyrics मन मेरा ओछी संगत ना करिये भजन

मन मेरा ओछी संगत ना करिये....

स्थाई: थरहर फंद रच्यो इण जुग में, 
देख देख ने डरिये ।
काटे फंद हो जाओ बड़भागी, 
निरख-निरख पग धरिये,
मन मेरा, ओछी संगत ना करिये ॥

गुरां पीरां से डरिये, मन मेरा, 
ओछी संगत ना करिये ॥
केळ केवड़ो तीजी बोरड़ी, 
एक थाणे नहीं धरिये ।
अगम पिछम रो वाजे वायरो, 
केळ काँटो से डरिये ॥

पाका वृक्ष हुआ पंछी भेळा, 
कसवस कसवस करिये।
कागों री संग जाय हंसलो बैठो, 
बिना मौत से मरिये ॥

चंद्र सूरज भेळी सुकमणा, 
नित उठ दर्शन करिये।
रामलाल गुण पण्डित गावे, 
कळजुग देख ने डरिये ॥
         ✽✽✽✽✽

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