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Sinvaru Pratham Nit Tumko Bhajan Lyrics सिंवरू प्रथम नित तुमको

 सिंवरू प्रथम नित तुमको


दोहा:  सुंडाला स्याय करे , पुरे मन री आस।
          जंगल में मंगल करे , अमृत बारहो मास।।  

स्थाई: सिंवरू प्रथम नित तुमको गणेशा। 
        दूर करो रे मम सकल कलेशा ओ।।
        देवता रे दानव मानव सब सुमरे
    ऋषि मुनि रे आदि भजे तुम्हे शेषा ओ।।



माता तुम्हारी महामाया मिरगा,
पिता रे तुम्हारे पार ब्रह्म महेसा ओ।।


क्या गुणगान कर सकूँ तेरो,
अल्प मति रे नहीं विधा रे विशेषा ।।
   
अचलूराम पर किरपा कीजो,
निर्विघ्न द्रष्टि रखना हमेशा ।।
                 ✦✦✦✦✦
  

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