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Karmo Me Likhiya Aakada Bhajan करमों में लिखिया आँकड़ा भजन

करमों में लिखिया आँकड़ा..... 

दोहा:- रोहिड़ा रो फूल एक वन माँहि फूलियो। 
झूठी माया देख भजन क्यों भूलियो। 
माया देवो लुटाय, पवन का पेंकड़ा। 
कहे बाजिन्द इण दुनियाँ में, चार दिन का तमाशा देखणा।।

स्थाई:- करमों में लिखिया आँकड़ा, कोई मिटा नहीं पावे। 
पड़ी रेख पथर पे भायों, धोवां सूं मिट नहीं जावे।।

राजा रावण करी तपस्या, सोना री लंका पावे। 
विभीषण जी माला फेरी, राम चरण मिल जावे। 
कुम्भकरण इन्द्रासन चायो, निन्द्रासन मिल जावे।।

राजा विक्रम सेठ हवेल्यां, अन जल भोग लगावे। 
किस्मत रूठी देखत देखत, खूंटी हार निगल जावे। 
फूटा करम फकीर का, भरी चिलम गुड़ जावे।।

माथो काटने मेले सिरहाणे, तो ही अपजश पावे। 
बोझ खींच ने लावे बलधियो, सूखो चारो खिलावे। 
खूंटे बंधियोड़ी घोड़ी ने, लीलो चारो खिलावे।।

रोड़ों माथे सूता है, सपना महला रा आवे। 
लिखिया तेल तकदीर में, घी कठां सूं खावे। 
होणी हो सो होय ओंकारा, अपणो मन समझावे।।
                             ✽✽✽✽✽  

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