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Batau Ayo Lewa Ne Bhajan बटाऊ आयो लेवा ने

बटाऊ आयो लेवा ने....(धुन:- म्हारा सतगुरु दीवी रे बताय)

स्थाई:- ओ म्हाने अबके बचा ले म्हारी माँय, बटाऊ आयो लेवा ने।

आठ कोठड़ी दस दरवाजा, इण मंदिरिये माँय। 
लुकती छिपती मैं फिरुँ, लुकती रे छोड़े बैरी नाँय,
बटाऊ आयो लेवा ने।

हाथ जोड़ कन्या कहे रे, सुण मायड़ म्हारी बात। 
अबके बटाऊ ने पाछो कर दे, फेर चालूंली वां रे साथ ,
बटाऊ आयो लेवा ने।

सावण रा दिन सतरा बीत्या, आई तीज परभात। 
रमण खेलण री मन में रह गई, छोड्यो सहेल्यों रो साथ,
बटाऊ आयो लेवा ने।

मात-पिता और कुटुम कबीलो, फेरयो सिर पर हाथ। 
पाँच भाया री बहन लाड़ली, कोई नी चाल्यो विण रे साथ,
बटाऊ आयो लेवा ने।

कहत कबीर सुणो भाई संतो, यूं सासरिये जाय। 
इण सासरिये सबने ही जाणो, ले लो रामजी रो नाम,
बटाऊ आयो लेवा ने।
                               ✽✽✽✽✽   

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