सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Chanda Chup Ja Re Bhajan चन्दा छुप जा रे भजन

चन्दा छुप जा रे..... 

स्थाई:- चन्दा छुप जा रे बादल में म्हारो राम गयो बनवास। 

राम गयो बनवास म्हारो, लखन गयो बनवास। 
चन्दा, छुप जा रे बादल में म्हारो राम गयो बनवास।।

राम बिना म्हारी सूनी अयोध्या,
लखन बिना ठुकराई। 
सीता बिन म्हारो सूनो रसोड़ो,
कौण करे चतुराई।
चन्दा, छुप जा रे बादल में,
म्हारो राम गयो बनवास।।

आगे आगे राम चलत है,
पीछे लक्ष्मण भाई। 
बीच में तो चलत जानकी,
शोभा वरणी न जाई।।
चन्दा, छुप जा रे बादल में,
म्हारो राम गयो बनवास।।

सावण बरस भादवो बरसे,
पवन चले पुरवाई। 
वृक्ष के नीचे तीनों भीगे,
राम लखन सीता माँई।।
चन्दा, छुप जा रे बादल में,
म्हारो राम गयो बनवास।।

रावण मार राम घर आये,
घर-घर बँटत बधाई। 
सुर नर मुनिजन करत आरती,
तुलसीदास जस गाई।।
चन्दा, छुप जा रे बादल में,
म्हारो राम गयो बनवास।।

राम गयो बनवास म्हारो, लखन गयो बनवास। 
चन्दा, छुप जा रे बादल में म्हारो राम गयो बनवास।।
                             ✫✫✫✫✫

यह भजन भी देखे 

Mana Thari Umar Jawe Re मना थारी उमर जावे रे

Mhe To Manawa Mhari म्हें तो मनावां म्हारी आशापुरा

Sukarat Ful Gulab Ro Mhari Heli सुकरत फूल गुलाब रो म्हारी हेली

Guru Jambheshwar Ji Ki Aarti गुरु जम्भेश्वर जी की आरती

Runjhun Baje Ghungara रुणझुण बाजे घुंघरा

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Baras Baras Mhara Indra Raja Bhajan बरस बरस म्हारा इंद्र राजा

।।   बरस बरस म्हारा इंद्र राजा ।। बरस बरस म्हारा इंद्र राजा तेजाजी का मेला में , बरस बरस म्हारा इंद्र राजा तेजाजी का मेला में , जाटा जी बुलावे राजा देव रे ओलमा , पलका बिछाई थारा दहेला में , बरस बरस म्हारा इंद्र राजा तेजाजी का मेला में , गुर्जरजी बुलावे राजा देव रे   ओलमा , फुलड़ा लाइजे भर थेला में , बरस बरस म्हारा इंद्र राजा तेजाजी का मेला में , मीणाजी बुलावे राजा देव रे ओलमा , करो प्रकट धेन धेला में , बरस बरस म्हारा इंद्र राजा तेजाजी का मेला में , सोहन सिंह गावे प्रहलाद बनावे , भजन सुरीला कैसेट अल्फ़ा में , बरस बरस म्हारा इंद्र राजा तेजाजी का मेला में ,                        ✽✽✽✽✽ यह भजन भी देखे  ऊँचो भवानी थांरो देवरो Uncho Bhawani Tharo Dewaro Lok Laaj Dinhi Khoy Fakiri लोक लाज दीन्ही खोय फकीरी Ganesh Ji Aarti श्री गणेशजी की आरती काली कमली वाला मेरा यार है Kali Kamali Wala Mera Yaar Hai Guru Gyaani...

Mana Thari Umar Jawe Re Bhajan मना थारी उमर जावे रे

मना थारी उमर जावे रे.....  दोहा:- माया काया पांवणी, और कन्या घर होय।  राख्योड़ी रेवे नहीं, ए उठ चले पथ खोल।। स्थाई:-  मना थारी उमर जावे रे,    मना थारी उमर जावे रे।  आछा दिन थारा बीत गया, चोखा  दिन थारा बीत गया, दिन अबका आवे रे,  मना थारी उमर जावे रे। । मात-पिता सुण कामणी, माया भरमावे रे।  करी कमाई थारी खोस लेवेला, पीछे पछतावे रे। । मोह माया री नींद में, काँहि सुख भर सोवे रे।  रतन पदारथ मानखो, विरथा  काँहि खोवे रे। । माया विष री वेलड़ी, तांता पसरावे रे।  बाजीगर रा बांदरा ज्यूं, नाच नचावे।। ओ संसार मृग जल भरियो, हाथ नी आवे रे।  भटकत फिरे उजाड़ में, थारो जीव तरसावे रे। । सन्त बड़ा परमारथी, सुण ज्ञान बतावे रे।  सीधे रस्ते चालणो, सिमरथ समझावे रे। ।                         ✽✽✽✽✽    यह भजन भी देखे  Udata Pankheru Vivah Mandiyo उड़ता पंखेरू विवाह मांडियो Sambhalo Ni Sayal Ramdevji साम्भलो...

Hirani Ubhi Araj Kare Bhajan हिरणी उभी अरज करे

हिरणी उभी अरज करे ( धुन:- दलाली हीरा लालन की  ) स्थाई:- ओ म्हारे पियाजी रा प्राण बचाय,  हिरणी हरी ने अरज करे।  ओ म्हारे समदर में डूबी जावे जहाज,  हिरणी उभी अरज करे।। बाबरिया ने बाबर बांधी,  चौसठ बंध लगाय।  हिरण्यां कूद जंगल में ठाड़ी,  मिरगा रो फँस गयो पाँव।। हिरणी उभी अरज करे।। कहे मिरगलो सुण ए मिरगली,  तू गाफल मत होय।  तू तो कूद जंगल में रळ जा,  हरी करे सोई होय।। हिरणी उभी अरज करे।। तीन पाँव पर खड़ी मिरगली,  हरी सूं हेत लगाय।  हरी रो तो सिंहासन डोल्यो,  बावरिया ने विष खाय।। हिरणी उभी अरज करे।। टूटी डोर बंध हुआ ढीला,  मिरगा रो खुलियो पाँव।  कहे कबीर सुणो भाई साधो,  जोड़ी मिलाई भगवान्।  हिरणी उभी अरज करे।।                ⚝⚝⚝⚝⚝ यह भजन भी देखे  Gaiye Ganpati Jag Vandan गाइए गणपति जग वंदन Bina Niwan Kun Tiriya बिना नीवन कुन तीरिया kelasho Re Mae Re कैलाशो रे माँय रे Jivada Amal Kalje Lago जिवड़ा ...