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Maa Ke Darshan Ki Tamanna Bhajan Lyrics माँ के दर्शन की तम्मना दिल में

माँ के दर्शन की तम्मना दिल में 

स्थाई:- माँ के दर्शन की तम्मना, दिल में रह गई। 
भूल क्या, उनसे हुई, क्यूं सांस थम गई। 
माँ के दर्शन की तम्मना, दिल में रह गई।

अल सुबह निकले थे घर से, सैकड़ों जवां। 
चल रही मेहरानगढ़ में, जाने कैसी हवा। 
मांगने मन्नत गए, क्यूं मौत मिल गई।

फूल से मासूम चेहरे, मुस्कुराते रहे। 
मौत सर पे थी खड़ी, जूझते ही रहे। 
दिल में थी, जो बात उनके, दिल में रह गई 

कोख माताओं की उजड़ी, उजड़े कितने सुहाग। 
सैकड़ों परिवार पल में, हो गए है खाक। 
कल तलक, जो साथ थे, अब याद रह गई

काँप उठी थी ये जमीं, दहला असमां। 
वक्त मानो थम गया, सहमा हर इन्सां। 
हर एक आँख से, आँसुओं की, धार बह गई।

बहन रो-रो कह रही, कहाँ गया मेरा वीर। 
कहाँ ये जाइ किसे सुनाए, कौन बंधावे धीर। 
नैनों में मुख, देखने की, आस रह गई
                 ✽✽✽✽✽ 

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