जय अजमल लाला....
स्थाई: जय अजमल लाला,
स्वामी जय अजमल लाला ।
भक्त काज कलियुग में,
लीनो अवतारा ॥
असवन की असवारी,
केसरिया जामा ।
शीश तुर्रो हद सोवे,
हाथ लियो भाला ॥
डूबत जहाज तिराई,
भैरू दैत्य मारा ।
कृष्ण कला भय भंजन,
राम रूणेचे वाला ॥
अंधे को प्रभु नेत्र देत है,
सुख सम्पत्ति माया ।
कानों में कुण्डल झिलमिल,
गल पुष्पन माला ॥
कुष्ठी जब करूणा कर,
होय दुखित काया ।
शरणागत हम तेरी,
भक्तन प्रतिपाला ॥
श्री रामदेव जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
हरजी शरण तिहारी,
मन इच्छा फल पावे ॥
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