छोड़ ने मत जावो राजा भरतरी.....
स्थाई:- अरे कंवारी होती तो पीपळ पूजती,
लागो हथलेवा रो पाप।
छोड़े ने मत जावो राजा भरतरी,
म्हारी जोड़ी रा सिरदार।
छोड़े ने मत जावो राजा भरतरी।।
कदेहि ना फेरियो मैं तो पीसणो,
धरती धारियों ना पाँव।
छोड़े ने मत जावो राजा भरतरी,
म्हारी जोड़ी रा भरतार ।
छोड़े ने मत जावो राजा भरतरी।।
राजा थे तो जोगी ने मैं थांरी जोगणी,
घर-घर मोंगोला भीख।
छोड़े ने मत जावो राजा भरतरी,
म्हारी जोड़ी रा सिरदार।
छोड़े ने मत जावो राजा भरतरी।।
राजा राणी तो रोवे रे बादल महलां में,
क्यूं करो म्हां पे अन्याव।
छोड़े ने मित जावो राजा भरतरी,
म्हारी जोड़ी रा सिरदार।
छोड़े ने मत जावो बालि वेश में।।
राणी रे पिंगला ने वाळी वीणती,
जग जग चरणां रे माँय।
छोड़े ने मत जावो राजा भरतरी,
म्हारी जोड़ी रा सिरदार।
छोड़े ने मित जावो राजा भरतरी,
छोड़े ने मत जावो बालि वेश में।
छोड़े ने मत जावो राजा भरतरी,
छोड़े ने मत जावो राजा भरतरी।।
हो हुई सफल कमाई महाराज भरतरी थांरी,
भरतरी थांरी।
मालिक रे कारण जोग फकीरी धारी।
ईश्वर रे कारण जोग फकीरी धारी।
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