रमझम रेल चलाई
स्थाई:- रमझम रेल चलाई रे जोगिया, रमझम रेल चलाई।
उड़े आकाशां माँहि रे जोगिया, उड़े पवन रे माँहि।
किया घरां में जाई रे जोगिया, रमझम रेल चलाई।।
थरु टिकट कोई ना लेवे, अधबिच उतर जाई।
रमझम रेल चलाई रे जोगिया, रमझम रेल चलाई।।
इण गाड़ी में चोर विराजे, सेठ साहूकार माँहि।
पाँच चोरां रो करो जाबतो, गाड़ी लूट ले जाई।।
हम हम करता हाकम चढिया, सत री फौज बणाई।
प्रेम पुलिसिया साथ में लीना, इण गाड़ी रे माँहि।।
हद में गाड़ी करे हुंकाटा, बेहद गाड़ी आई।
दोय कर जोड़ प्रीत राम जी बोले, सीधी लेण बताई।।
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